उत्तराखण्ड

उत्तराखंड : 13 साल बाद शिक्षक का ट्रांसफर, भावुक हुए लोग, विदाई में उमड़ा पूरा गांव…VIDEO


उत्तराखंड : 13 साल बाद शिक्षक का ट्रांसफर, भावुक हुए लोग, विदाई में उमड़ा पूरा गांव…VIDEO
  • शिक्षक कि हुई शानदार विदाई.

  • 13 सालों से दुर्गम में सेवाएं दे रहे थे शिक्षक अमीर सिंह.





                           
                       

चमोली: शिक्षक। एक ऐसी जिम्मेदारी, जिनको ना केवल एक विद्यार्थी को इस काबिल बनाना होता है कि वो देश के काम आ सके। बल्कि, शिक्षक के कंधों पर एक बच्चे को एक संस्कारी और जिम्मेदार नागरिक बनाने की जिम्मेदारी भी होती है। शिक्षक ही वह व्यक्ति होता है, जो बच्चों को भविष्य सजाते और संवारते हैं। उनको अच्छे रास्ते पर चलने की राह दिखाते हैं। समाज में शिक्षकों का दर्जा सबसे ऊंचा होता है।

बदलते दौर में जहां शिक्षक और शिक्षा व्यवसथा सवालों के घेरे में है। आए दिन शिक्षा व्यवस्था और शिक्षकों पर सवाल खड़े हो रहे हों, उस दौर में कुछ शिक्षक ऐसे भी हैं, जो एक उम्मीद जगाते हैं। यह हौसला देते हैं कि अब भी कोई ऐसा है, जो शिक्षक होने का फर्जी सही मायने में निभा रहा है। उनको अपने आप से कुछ साबित नहीं करना होता है। उनका काम ही उनका परिचय होता है और समाज भी बदले में उनको खूब सम्मान देता है। यही सम्मान उनके काम का पुरस्कार और वेतन से बड़ी पूंजी होता है।

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ऐसे ही एक शिक्षक उत्तरकाशी जिले के डुंडा ब्लॉक के सरतली गांव के अमीर सिंह हैं। अमीर सिंह जनपद चमोली के सुदूरवर्ती क्षेत्र नारायणबगड़ के किमोली प्राथमिक विद्यालय में तैनात थे। उन्होंने इस विद्यालय में 13 सालों तक अपनी सेवाएं दी। कठिन से कठिन परिस्तियों में भी बच्चों की पढ़ाई के प्रति हमेशा समर्पित रहे। उनकी जब स्कूल से स्थानांतरण हुआ तो लोग भावुक हो गए।

 

ग्रामीणों और छात्रों ने अपने चहेते शिक्षक को ऐसी विदाई दी कि हर कोई देखता ही रह गया। गांव से सड़क मार्ग तक ग्रामीणों और छात्र अपने शिक्षक को विदा करने पहुंचे। ढोल-नगाड़ों और फूल-मालाओं से उनको सम्मानित किया गया। उससे पहले स्कूल परिसर में भव्य विदाई समारोह आयोजित किया गया।

शिक्ष अमीर सिंह ना केवल स्कूल में पढ़ाते थे। बल्कि, नजदीक के गांव में ही किराए के कमरे में बच्चों को अतिरिक्त समय में निशुल्क पढ़ाते थे। जिस विद्यालय में उनकी तैनाती थी। वहां, पहुंचने के लिए लंबा पैदल सफर तय करना पड़ता था। लेकिन, उन्होंने अपना कर्तव्य पूरी तत्परता और ईमानदारी से निभाया। उन्होंने समाज और शिक्षक जगह के लिए भी एक उदाहरण पेश किया है।

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